जलविहार, श्यामनगर में अब स्मार्ट ड्रेन, पानी घरों में नहीं घुसेगा और शुद्धिकरण भी वहीं

रायपुर . राजधानी की जलविहार काॅलोनी, श्यामनगर, सुभाषनगर और तेलीबांधा के निचले हिस्से में पहली बार स्मार्ट ड्रैनेज सिस्टम बनाया जाएगा। करीब एक दशक पहले हनुमान नगर को हर साल डूबने से बचाने के लिए जो ड्रेन सिस्टम बनाया गया था, नया सिस्टम उससे अपडेट और बेहतर होगा। जलविहार जैसी पाॅश कालोनी समेत इन चारों बस्तियों में गंदा पानी केवल बरसात ही नहीं बल्कि किसी भी मौसम में ज्यादा बारिश होने पर घरों में घुसने लगता है और एक-एक फीट तक भरता है। इसी दिक्कत को दूर करने के लिए 5 करोड़ का प्रोजेक्ट लाया गया है। इसमें से 2.42 करोड़ रुपए नालियों को व्यवस्थित करने में लगेंगे। इसके बाद 3 करोड़ रुपए में पूरा पानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाने का सिस्टम बनेगा ताकि इसे तेलीबांधा तालाब में भरा जा सकेगा। टेंडर इसी हफ्ते निकल रहा है। ड्रेन व्यवस्थित होने से इन इलाकों को अाने वाले बारिश के सीजन में ही राहत मिलने लगेगी। 



शहर के इस निचले इलाके में बारिश के दिनों में ही नहीं सामान्य दिनों में नालियों के पानी के निकासी का व्यवस्थित सिस्टम नहीं होने के कारण, जलभराव की स्थिति बनती रही है। करीब आठ बार से ज्यादा इसके लिए प्लान बनाए गए, लेकिन कोई भी योजना जमीन पर नहीं उतर पाई। जलभराव के कारण यहां लोगों को हमेशा परेशानी का सामना करना पड़ता था। कई बार यहां नालियों का पानी वाटर सप्लाई लाइन में भी मिक्स होने की शिकायतें आती रही है। स्मार्ट ड्रेन का अगर यहां सफल होता है तो शहर के बाकी निचले हिस्से यहां ऐसे सघन क्षेत्र जहां अक्सर जलभराव की स्थिति बनती हैं वहां इसी तर्ज पर काम किया जाएगा। 


ऊंचाई पर कैसे पहुंचेगा पानी वर्जुअल असेसमेंट भी किया
स्मार्ट सिटी के एक्सपर्ट के मुताबिक जलविहार कॉलोनी और आसपास के निचले इलाके में नालियों की बनावट में कई सारी खामियां हैं। क्षेत्र में ऊंचे और निचले इलाके के बीच नालियां बह रही हैं। चूंकि ऊंचाई पर पानी नहीं चढ़ पाता है इसलिए वो वापस निचले इलाके में आ जाता है। इंजीनियरों की टीम ने स्कॉडा और अन्य आधुनिक तकनीकों के जरिए फ्लो सिस्टम का वर्चुअल तरीके से आकलन कर पूरा प्लान बनाया है।


पटना की बाढ़ के बाद केंद्र ने शहरों से मांगा था प्लान 
पिछले साल पटना शहर में जलभराव और बाढ़ की स्थिति के बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने सभी शहरों को जलभराव जैसी स्थितियों से बचाव और स्थाई समाधान खोजने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। जिसके तहत शहर के ऐसे क्षेत्र जहां बारिश के मौसम में ऐसी स्थितियां बनती हैं, उनको चिन्हित कर योजना बनाने और उन्हें अमल में लाने के लिए कहा गया था।
 जलविहार कॉलोनी और तेलीबांधा के लिए स्मार्ट ड्रेन का प्लान गाइडलाइन के बिंदुओं के आधार पर बनाया गया है। 


यह बड़ी योजना है, पार्ट-पार्ट में पूरी होगी। कोशिश है कि अगली बारिश से पहले ही इस सिस्टम से राहत नजर अाने लगे। प्रोजेक्ट एक-दो साल में पूरा होगा। सौरभ कुमार, एमडी स्मार्ट सिटी

जलविहार कॉलोनी, श्यामनगर के क्षेत्र में हजारों लोगों के घरों में गंदा पानी घुसता है। बड़ी अाबादी परेशान है। यहां स्मार्ट ड्रेन का प्रस्ताव मैंने पहले दिया था। अजीत कुकरेजा, एमअाईसी